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Showing posts from 2025

मेरी दास्तान …

 तो,  तुम्हारे लिए अब लिखना नहीं है मुझे , तुम्हारे नाम तक के साथ अब दिखना नहीं है मुझे । जितना आम होके मैं तुम्हें मिला था ना .. उतना आसानी से इश्क़ में अब बिकना नहीं है मुझे । पर मैं मेरी दास्तान लिखूँगा , इस बार ख़ुद को मोहब्बत और तुम्हें अनजान लिखूँगा । तुम्हें सँवारते सँवारते जो हाल हुआ है , मैं हो जाऊँगा आबाद भी पर पहले बरबाद लिखूँगा । इतना इश्क़ कर दिया था तुझसे मैंने कि ख़ुद में ख़ाली हो गया था , इतना मोहब्बत जुनून सुकून था मुझमें कि जब तक बिछड़ा मेरा रूह तक काला हो गया था । इतना कैसे मार दिया तुमने किसी को मोहब्बत में ,  इतना बुरी तरह कैसे हार दिया मैंने ख़ुद को मोहब्बत में , ख़ुद को एक घंटे भी नहीं दिए मैंने ,  तुम्हारे लिए तुम्हें सोमवार से इतवार दिया मैंने मोहब्बत में । खैर जाओ तुम, खैर जाओ अब तुम , जाओ तुम्हारे रुकने का वक्त अब खत्म हो गया है , जो खरोंच लगा लगा कर गया था कोई, तुमने ऐसे छुवा है की जख्म हो गया है । तुमने जाते जाते जलाया है एक एक कतरा मोहब्बत का , वापस आने की जरूरत नही है  यादें जला दी है मैंने , अब सब भस्म हो गया है ।

एक दिन....

 "एक दिन तुम्हें सब याद आएगा..." एक दिन तुम्हें वो सारे पल याद आएँगे जब मैं तुमसे बात करने की कोशिश करता रहा, और तुमने मेरी एक न सुनी। तुम्हें याद आएगा जब मैंने बार-बार कहा कि तुम्हारा रवैया मुझे तकलीफ देता है, लेकिन तुमने अनदेखा किया। तुम्हें वो भी याद आएगा जब मैंने तुम्हें बताया कि तुम मुझे खो रहे हो, पर तुमने यकीन नहीं किया। तुम्हें वो सारे अच्छे पल याद आएँगे जो मैंने तुम्हारे लिए जिए, और तुमने कभी उनकी कद्र नहीं की। तुम्हें वो भी याद आएगा जब मैंने हमारी रिश्ते को बचाने के लिए खुद को पीछे खींचा, यहाँ तक कि तब भी जब गलती तुम्हारी थी। तुम्हें याद आएगा मेरा प्यार, मेरे चूमने का अंदाज़, मेरी छूने की नरमी, मेरी हँसी, मेरी छोटी-छोटी बातें, मेरी नज़रों की गहराई, तुम्हारी देखभाल करने का मेरा तरीका, और वो पल जब मैंने तुम्हारा चेहरा छूते हुए कहा था — "मैं तुमसे प्यार करता हूँ।" तुम्हें मेरी नादानियाँ याद आएँगी, मेरी ज़िद, और वो बातें जिन्हें तुमने मेरी "टॉक्सिसिटी" कहा था—सिर्फ इसलिए कि मैं तुम्हारी गलतियों को स्वीकार नहीं कर पाता था। मैंने तुम्हें अपनी ज़िन्दगी ...

बोलो ना.....

 अजीब सा हो गया हु मैं, एक इंसान ही तो नहीं मिला। लग रहा है सब खो दिया, बैठा रहता हु और सोचता रहता हु काश ऐसा हो जाता , काश वैसा हो जाता । हसी ही नहीं आ रही अब किसी बात पर मुझे, उसी के साथ हंसना आता था क्या?? लगा हुआ हूं फोन में उसकी फोटोज देखने जैसे और कोई काम ही ना हो। गुस्सा आता है कभी कभी , ऐसे पागल क्यों हो रहा हूँ? उसे तो कोई फर्क भी नहीं पड़ा मुझसे दूर जाने में।😌 मुझे क्यों जानना है कि वो ठीक है कि नहीं? मुझे क्यों बताना है उसको की मैं ठीक नहीं हूं। नहीं लग रहा उसके बिन दिल कहीं। मैं जानता हु कि वो मेरी नहीं है, पर फिर दिल को वही चाहिए तो मैं क्या करूं? मन नहीं बाहर निकल के दोस्तो से मिलने का बात भी नहीं करना चाहता किसी से। ऐसा लग रहा है कि मैं उदास ही रहना चाहता हूं। निकलना ही नहीं चाहता उसे अपने जेहन से, बात भी तो नहीं करती मुझसे यार.....🥲🥲 तभी तो और घुटता रहता हु । पता है मै उसके पहले भी अकेला था पर फिर भी इतना भी अकेला नहीं था । मैं कही भी जाता हु साथ आती है मेरे वो, बस पास नहीं होती अब याद बनके साथ आती है । मैं क्यों नहीं आगे बढ़ पा रहा उससे? क्यों नहीं मान लेता कि व...

मेरी कहानी का अंत

 कभी किसी को जाने दिया है? जबकि तुमने उसके साथ अपनी Best जिंदगी देख ली थी l उसके बाद तुम नॉर्मल नहीं हो पाते कभी उन यादों को हमेशा साथ लेकर चलते हो और शांत हो जाते हो काफी l खुद को खुश करने की कोशिश करते हो पर सच बताना खुश हो पाते हो कभी ? तुम जाने तो देते हो उसको पर तुममें से वो क्या जाता है कभी ? खैर छोड़ो पता नहीं तुम समझ पाओगे भी या नहीं l आज इन सब बातों का जवाब देने से पहले कुछ बातें जान तो लें l हम मिले हममें बातें हुई बातें बढ़ी और और बातें होते होते तुम्हीं ने मुझे सामने से Proposal दिया मैने Accept किया l और फिर हम बहुत सीरियस हो गए l शहर में एक साथ घूमते घूमते सारा जहां एक साथ घुमाने की बातें सोचने लगे l और तुम, तुम पागल तो कभी कभी shoping भी ऐसे कर लेती थी कि अगली बार जब हम मनाली जाएंगे तो ये वाला Top पहनूंगी l हम कभी आसमान में तारे जितनी बातें करते थे l कुछ भी मिस नहीं होता था हमारे बीच हम वाकिफ हो गए थे एक दूसरे की आदतों से l आपकी Life में बहुत लोग आते है पर वो होता है ना एक person जिसके प्रेजेंस से आपको लगता है अब बेहतर सांस आ रही है ये ही मेरा ऑक्सीजन है l same वही ...