आज मन बहुत ही द्रवित है कोरोनावायरस सुरसा की तरह मुंह फैलाए खड़ा है और हम इसके शिकार बनते जा रहे है।
पता है इसमें सबसे ज्यादा गलती हमारी ही है । हमारे राज्य उत्तर प्रदेश में आज गोरखपुर समेत 15जिले लॉक डाउन कर दिए गए है। सुरक्षा की दृष्टि से बहुत ही अच्छा काम है यह पर लोगो को भी समझना पड़ेगा लोग अभी भी इस भयानक महामारी को हल्के में ले रहे है।
आज सुबह बैंक जा रहा था रास्ते में एक पेट्रोल पंप पर लगभग 50की संख्या में लोग अपने अपने वाहनों में पेट्रोल भरवाने के लिए लाइन में एक दूसरे को पीछे करने के चक्कर में लगे थे। उनके से 75%लोगो को में जानता हूं वे लोग किसी आपातकाल के लिए नहीं सिर्फ गांव गांव निकल कर फोटो लेने और इस बंदी को त्योहार के रूप में मनाने के लिए अपने वाहनों में पेट्रोल भरवाने के लिए लाइन लगाएं थे।
खैर इन सब से उबर कर मै बैंक पहुंचा। बैंक खोला और जैसे ही काउंटर पर बैठा।
एक सम्माननीय ग्राहक आए उनकी उम्र भी लगभग 65साल थी। उन्हें अपने खाते को मोबाइल नंबर से लिंक करवाना था। मैंने समझाया श्रीमानजी आज कल बैंक सिर्फ जरूरतमंद लोगों के लिए खोले जा रहें है। ताकि कोई दवा या भोजन के लिए पैसे का इंतजाम कर सके। पर नहीं उनको अपने खाते में मोबाइल नंबर आज ही लिंक करवाना था।
उनके जैसे लोगो के लिए महाभारत की एक कहानी याद आ रही है शायद इससे लोग समझ सके।----
महाभारत युद्ध में अपने पिता द्रोणाचार्य के धोखे से मारे जाने पर अश्वत्थामा बहुत क्रोधित हो गये।
उन्होंने पांडव सेना पर एक बहुत ही भयानक अस्त्र "नारायण अस्त्र" छोड़ दिया।
इसका कोई भी प्रतिकार नहीं कर सकता था।यह जिन लोगों के हाथ में हथियार हो और लड़ने के लिए कोशिश करता दिखे उस पर अग्नि बरसाता था और तुरंत नष्ट कर देता था।
भगवान श्रीकृष्ण जी ने सेना को अपने अपने अस्त्र शस्त्र छोड़ कर, चुपचाप हाथ जोड़कर खड़े रहने का आदेश दिया। और कहा मन में युद्ध करने का विचार भी न लाएं, यह उन्हें भी पहचान कर नष्ट कर देता है।
नारायण अस्त्र धीरे धीरे अपना समय समाप्त होने पर शांत हो गया।
इस तरह पांडव सेना की रक्षा हो गयी।
इस कथा प्रसंग का औचित्य समझें?
हर जगह लड़ाई सफल नहीं होती।प्रकृति के प्रकोप से बचने के लिए हमें भी कुछ समय के लिए सारे काम छोड़ कर, चुपचाप हाथ जोड़कर, मन में सुविचार रख कर एक जगह ठहर जाना चाहिए। तभी हम इसके कहर से बचे रह पाएंगे।
कोरोना भी अपनी समयावधि पूरी करके शांत हो जाएगा।
वरना तैयार रहे आपका मोबाइल नंबर शायद यमराज के यहां लिंक किया जाएगा। और शायद आप अपने वाहन में भराए हुए पेट्रोल के सहारे स्वर्ग या नरक के दरवाजे तक फर्राटा भर पाएंगे।
भगवान श्रीकृष्ण जी का बताया हुआ उपाय है, इस पर अमल करे निश्चित ही यह व्यर्थ नहीं जाएगा ।
🙏🙏🙏
पता है इसमें सबसे ज्यादा गलती हमारी ही है । हमारे राज्य उत्तर प्रदेश में आज गोरखपुर समेत 15जिले लॉक डाउन कर दिए गए है। सुरक्षा की दृष्टि से बहुत ही अच्छा काम है यह पर लोगो को भी समझना पड़ेगा लोग अभी भी इस भयानक महामारी को हल्के में ले रहे है।
आज सुबह बैंक जा रहा था रास्ते में एक पेट्रोल पंप पर लगभग 50की संख्या में लोग अपने अपने वाहनों में पेट्रोल भरवाने के लिए लाइन में एक दूसरे को पीछे करने के चक्कर में लगे थे। उनके से 75%लोगो को में जानता हूं वे लोग किसी आपातकाल के लिए नहीं सिर्फ गांव गांव निकल कर फोटो लेने और इस बंदी को त्योहार के रूप में मनाने के लिए अपने वाहनों में पेट्रोल भरवाने के लिए लाइन लगाएं थे।
खैर इन सब से उबर कर मै बैंक पहुंचा। बैंक खोला और जैसे ही काउंटर पर बैठा।
एक सम्माननीय ग्राहक आए उनकी उम्र भी लगभग 65साल थी। उन्हें अपने खाते को मोबाइल नंबर से लिंक करवाना था। मैंने समझाया श्रीमानजी आज कल बैंक सिर्फ जरूरतमंद लोगों के लिए खोले जा रहें है। ताकि कोई दवा या भोजन के लिए पैसे का इंतजाम कर सके। पर नहीं उनको अपने खाते में मोबाइल नंबर आज ही लिंक करवाना था।
उनके जैसे लोगो के लिए महाभारत की एक कहानी याद आ रही है शायद इससे लोग समझ सके।----
महाभारत युद्ध में अपने पिता द्रोणाचार्य के धोखे से मारे जाने पर अश्वत्थामा बहुत क्रोधित हो गये।
उन्होंने पांडव सेना पर एक बहुत ही भयानक अस्त्र "नारायण अस्त्र" छोड़ दिया।
इसका कोई भी प्रतिकार नहीं कर सकता था।यह जिन लोगों के हाथ में हथियार हो और लड़ने के लिए कोशिश करता दिखे उस पर अग्नि बरसाता था और तुरंत नष्ट कर देता था।
भगवान श्रीकृष्ण जी ने सेना को अपने अपने अस्त्र शस्त्र छोड़ कर, चुपचाप हाथ जोड़कर खड़े रहने का आदेश दिया। और कहा मन में युद्ध करने का विचार भी न लाएं, यह उन्हें भी पहचान कर नष्ट कर देता है।
नारायण अस्त्र धीरे धीरे अपना समय समाप्त होने पर शांत हो गया।
इस तरह पांडव सेना की रक्षा हो गयी।
इस कथा प्रसंग का औचित्य समझें?
हर जगह लड़ाई सफल नहीं होती।प्रकृति के प्रकोप से बचने के लिए हमें भी कुछ समय के लिए सारे काम छोड़ कर, चुपचाप हाथ जोड़कर, मन में सुविचार रख कर एक जगह ठहर जाना चाहिए। तभी हम इसके कहर से बचे रह पाएंगे।
कोरोना भी अपनी समयावधि पूरी करके शांत हो जाएगा।
वरना तैयार रहे आपका मोबाइल नंबर शायद यमराज के यहां लिंक किया जाएगा। और शायद आप अपने वाहन में भराए हुए पेट्रोल के सहारे स्वर्ग या नरक के दरवाजे तक फर्राटा भर पाएंगे।
भगवान श्रीकृष्ण जी का बताया हुआ उपाय है, इस पर अमल करे निश्चित ही यह व्यर्थ नहीं जाएगा ।
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