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Showing posts from 2024

मेरा झूठ

वो अक्सर अपनी हथेली मेरे हाथों में थामे रखती , हम हथेलियों की तस्वीरे लिया करते। हम सड़क बिना हाथ पकड़े कभी पार ही नहीं हो पाते , हम शामें अक्सर बेंच पर अग़ल बग़ल ही बैठते , कभी कभी घर से उसके लिये कुछ स्पेशल बना के डब्बा भी ले ज़ाया करता , थोड़ा स्पेशल दिखाने के लिए पैकिंग भी ढंग से करता ताकि उसे अच्छा लगे और वो ख़ुस हो जाए । कभी बाहर जाते तो healthy बोल के कभी मोमोस कभी गोलगप्पे कभी सोया चाप सब खाना होता ओह सॉरी…. इनमें से बस unhealthy वाला मुझे खाना होता और मैं बिना नख़रे के सब ख़त्म कर जाता । मक़सद मेरा बस इतना होता कि मुझे ये सब खाते हुए देख कर वो खूब ख़ुस होती । फिर एक दो ना पूरे होने वाले वादे कर देती । हम अक्सर अजीबो गरीब तस्वीरे लिया करते थे पर …. पर इन तस्वीरों में भी वो ही सुंदर दिखती क्यों की जिसमें वो सुंदर नहीं दिखती वो डिलीट हो जाती । हम शॉपिंग माल्स अक्सर वाशरूम use करने ज़ाया करते । शॉपिंग तो लोकल मार्केट से करते और वहाँ भी उसके लिए बार्गेनिंग अक्सर किया करते । कभी कभी किसी शॉपिंग माल्स के चेजिंग रूम से 4-5 कपड़े ट्राय करने के बाद मुझसे पूछती कैसे लग रही हूँ । और मैं क...

वफ़ा.☺️

 मुझे आज भी याद है वो हमारी पहली मुलाकात, वो भी एक शाम थी, जब उस ने मेरा हाथ पकड़ा और मेरी आँखों में आँखें डालकर, पूरे भरोसे के साथ कहा "तुम्हारे हाथ बेहद गरम हैं, और यह वफ़ा निभाने वालों की निशानी है"। मैं बहुत ख़ुश था। इतना ख़ुश कि सब कुछ भूल गया, मैं दुनिया भूल गया ज़माना भूल गया, किस्सा, कहानी और फसाना भूल गया मैं ग़म भूल गया मैं अक्स भूल गया मैं दौर को भूलते हुए हर शख्स को भूल गया और और यह भी भूल गया कि उस शाम तुम्हारे हाथ कितने सर्द थे।☺️

शायद…

  मैं चाहता हूँ....कई महीनो बाद, तुम एक रोज़ मुझे Call करो, और वो Call, Receive ही न की जाये... फिर तुम एक और कोशिश करो,Call करने की, और फिर Receive न हो... फिर एक अरसे बाद,तुम्हे थोड़ी फ़िक्र हो,तुम Message करो मुझे... वो Messages जिसका कोई भी जवाब अब कभी नहीं आएगा... फिर तुम सच में थोडे और परेशान हो जाओ... तुम सोचो मेरे बारे में,मेरी हर बात,मेरी आवाज़,मेरा चेहरा... तुम्हारे लिए मेरी फ़िक्र..मेरे साथ बिताया हर एक लम्हा.. फिर तुम मुझे एक और Call करो,और फिर कोई Response न मिले, तुम फिर मुझे Message करो,जिसका कोई जवाब न मिले.. तुम अचानक बहुत बेचैन हो जाओ,तुम्हें सब कुछ याद आता रहे, तुम लगातार मेरे बारे में सोचो...तुम्हे सब कुछ याद आये.. सब कुछ... और एक दिन जब तुम्हें नींद न आये.. बस मेरी याद आये... तुम मुझे Social Media पर ढूँढो..फिर Message करो.. फिर Call करो..फिर कोई जवाब न मिले.. तब तुम Phone Gallery खोलकर..मेरी तस्वीरें देखो... तुम्हे गुस्सा आये, चीढ हो, तुम्हे रोना आये.. तुम्हें एहसास हो  कि मैं किस हाल में रह रहा हूँ..? परेशान होना क्या होता है..? टूट जाना क्या होता है...?...

मेरी क़द्र

  आलू प्याज 20 के मिलते है या 15 के, 30 किमी दूर ये चीज शायद 5 रुपए कम में मिलेगी? आज घर में ये हुआ और कैसे हुआ ये सुनो लगभग 20 मिनट की कहानी है। कार छोटी अच्छी होती है या बड़ी? मुझे आज वाकिंग करनी है । सुनो ये वाली टॉप मेरे पर कैसे लगेगी। यार मैंने पैकिंग कर ली है। आज घर में बोर हो रहे है।.................. ये सब कुछ ऐसी बाते है जिनका जवाब मैं दू या ना दू ये जरूरी नहीं है बस मुझ तक पहुंच जाना जरूरी है और मुझे पता चल जायेगा की आपका मूड आज कैसा है, आज आपको क्या हुआ है? पता है तुमसे कभी बताया नही पर तुम्हारे आने की खुशी के साथ तुम्हारे जाने का डर भी मेरी जिंदगी साथ ही शामिल हुआ था। याद है पहली बार जब तुमने बोला था की हम कही लॉन्ग ट्रिप पर चलते है। तुमने बोल दिया और शायद भूल भी गई पर मैं उसी दिन से हर दिन उस दिन को स्पेशल बनाने में लग गया था। खैर ट्रिप भी हुआ और स्पेशल भी रहा शायद हम दोनो के लिए। और ऐसे ही धीरे धीरे तुम्हारे जाने का डर मेरी जिंदगी से गायब हो गया। और रह गया तो बस सुकून और भरोसा की अब बस तुम यही हो। कहते है न की सौ अधूरी कहानियों में एक मुकम्मल दास्तान तो होती है तो बस ...