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Showing posts from 2019

एक व्यंग ट्रैफिक नियमों पर

*एक व्यंग " ट्रैफिक नियमों पर"* सच बताए तो लगभग 10से12 साल हो गए इन सड़कों से गुज़रते। मगर आज तक ट्रैफिक नियमो के बारे में हम समझ ही नहीं पाए की वास्तव में नियम क्या है जब हम अपने बाएं की तरफ से निकलते है तो सामने से कोई अपने दाएं से आंख दिखाता हुआ आ रहा होता है और फिर जब हम उसकी खुली हुई आंखों से डरकर दाए पटरी पर जाते है तो उधर से भी कोई आख दिखाने के साथ बड़बड़ाते हुए सामने आ जाता है। आंख दिखाने से मेरा मतलब अपनी गाड़ी की हेड लाइट जलाने से था जो मेरी समझ में आज तक नहीं आया कि इसे प्रयोग कहां करते है जल्दी निकलने में या सामने वाले को डराने में। खैर इन सब समस्यायों से जूझते हुए हम भी अब इसे ही नियम मान लेते है और सामने वाले को अपने से छोटा दिखाने के चक्कर में आमने सामने गाडियां खड़ा करना तो अब रोज का काम हो गया है। पर सुना है अब ट्रैफिक नियमो में बदलाव हुआ है और जुर्माना बढ़ गया है। पर सच बताए तो पंद्रह फीट ऊपर टंगी ट्रैफिक लाइट्स हमें जलती हुई दिखती ही नहीं है अब आप ही बताए वाहन चलाते हुए हम सामने देखे या पंद्रह फीट ऊपर लगे लाइट को। हम तो आज भी अपने वाहन चलाने के हुनर ...

एक सफ़र अनजाना सा -१

आज फिर एक बार भटक जाने दे यार, मुसाफिर हूँ, भटकना आदत में शुमार, लो आज फिर मै निकल पड़ा हूं अपनी यायवरी को आगे बढ़ाने एक अनजान से सफर पर जिसका रास्ता न मुझे पता है न मेरे साथ चल रह...

एक सफ़र अनजाना सा -२

हमारे प्यारे मित्र झम्मन लाल की प्यारी कार वहीं की वहीं रात 9:30pm पर खड़ी हो गई थी। अब तो मेरा टायफायड कन्फर्म हो चुका था। मजनू भाई 7दिन के लिए शहर से बाहर निकल चुके थे। मणि बाबा फो...