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Showing posts from October, 2018

एक सफ़र, हरि से हर की ओर - अंतिम पड़ाव

एक सफ़र, हरि से हर की ओर - अंतिम पड़ाव नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय। नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम: शिवाय।। २४/०९/२०१८ शायद ठंड और उचाई की वजह से हमें कल रात नीद आई नहीं। जैसे तैसे रात बीत गई  सुबह ६:००बज गए पर बाहर का मौसम अभी भी खराब ही था। ठंड हमे बाहर निकलने नहीं दे रही थी। लेकिन हम यहां सोने तो आए नहीं थे , दृढ़ निश्चय कर की अब वापस रजाई में नहीं आएंगे हम रजाई से बाहर निकले पर ये क्या, अब समस्या पानी थी । हमारे कमरे मै गर्म पानी की व्यवस्था नहीं थी। और किसी के पास इतनी हिम्मत नहीं थी कि बाहर निकल कर रेस्टोरेंट से गर्म पानी ले आया जाय। मतलब आज हमे अपने दिन की शुरुआत इस ठंडे मौसम में ठंडे ठंडे पानी से ही करना था। किसी तरह हम त्रिमूर्ति नित्यकर्म से निवृत्त हुए पर नहाने की हिम्मत किसी में नहीं थी। लेकिन मैंने जय भोलेनाथ बोलते हुए इस ठंड को जीत लिया और नहा के बाहर निकला।  अब बारी थी तो बस प्रभु से मिलन की, चल पड़े प्रभु की ओर तभी एक पंडा जी ने पकड़ा और लगे हमारा क्षेत्र और स्थान पता करने। और तो और जब हमने बताया की हम गोरखपुर से है, तो पता चला

एक सफ़र, हरि से हर की ओर-३

एक सफ़र, हरि से हर की ओर-३ आँख मूंदकर देख रहा है। साथ समय के खेल रहा है। महादेव वह महाएकाकी। जिसके लिए जगत है झाकी। वही शून्य है, वही इकाई। जिसके भीतर बसा शिवायः। हर हर महादेव, बम बम त्रिकाल। इसी तरह महादेव की जयकार कर हम त्रिमूर्ति केदारनाथ की ट्रैक के लिए २३सितम्बर१८  को  लगभग १२:००बजे  गौरीकुंड से निकल पड़े। गौरीकुंड में ही ट्रेकिंग वाले रास्ते पर छड़ी भी मिल रही थी हम त्रिमूर्तियों ने एक एक छड़ी भी साथ ले ली। अब हमे लग रहा था कि हमारे पास ट्रेकिंग से संबंधित सारे संसाधन मौजूद हो गए है। मेरे दोनों सहयात्री मणि जी और आकाश जी आराम से चले जा रहे थे पर मैंने पिछले 3दिनों में कुल मिलाकर 30-32घंटे कार ड्राइविंग की थी तो मेरे पैरो में हल्का हल्का दर्द था। पर महादेव से मिलने की प्रबल इच्छाशक्ति उस दर्द को भुला चुकी थी और मै भी अपने सहयात्रियों का साथ देते जा रहा था गनेशचट्टी तक पहुंचते पहुंचते जब मेरा 45इंच का पेट कुछ कम हुआ तो मुझे पता चला कि अपना बेल्ट तो मै कार में ही भूल आया। और इसकी वजह से पैंट अब मुसीबत खड़ी कर रही थी खैर जुगाड हर जगह मौजूद रहती है सो मैंने दि