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वफ़ा.☺️


 मुझे आज भी याद है वो हमारी पहली मुलाकात, वो भी एक शाम थी, जब उस ने मेरा हाथ पकड़ा और मेरी आँखों में आँखें डालकर, पूरे भरोसे के साथ कहा


"तुम्हारे हाथ बेहद गरम हैं, और यह वफ़ा निभाने वालों की निशानी है"।


मैं बहुत ख़ुश था। इतना ख़ुश कि सब कुछ भूल गया,


मैं दुनिया भूल गया

ज़माना भूल गया,

किस्सा, कहानी

और फसाना भूल गया

मैं ग़म भूल गया

मैं अक्स भूल गया

मैं दौर को भूलते हुए

हर शख्स को भूल गया

और







और


यह भी भूल गया कि उस शाम तुम्हारे हाथ कितने सर्द थे।☺️


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