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Showing posts from September, 2018

एक सफ़र, हरि से हर की ओर - २

एक सफ़र, हरि से हर की ओर-२ वही शून्य है, वही इकाई। जिसके भीतर बसा शिवायः। राम भी उसका, रावण उसका। जीवन उसका, मरण भी उसका। तांडव है, और ध्यान भी वो है। अज्ञानी का ज्ञान भी वो है। मां मनसा देवी से आज्ञा लेने तथा पावन गंगा में स्नान के पश्चात हम अपने ईष्ट के दर्शन को आतुर केदारनाथ की ओर आगे बढ़ चले। पर हरिद्वार और ऋषिकेश को जोड़ने वाली सड़क पर लगा जाम हमें आगे नहीं बढ़ने दे रहा था। किसी तरह रेंगते हुए २:३०घंटे में हम ऋषिकेश पहुंचे। अभी तक हम मणि जी के किए हिसाब के अनुसार आगे बढ़ रहे थे जिसमे हमारा अगला पड़ाव गौरीकुंड था जो मेरी नजर में आज असंभव लग रहा था पर बिना कुछ बोले मै भी शिवतांडवस्तोत्र सुनता और गुनगुनाता हुआ देवभूमि के प्राकृतिक सौन्दर्य को निहारता हुआ आगे बढ़ता जा रहा था। अभी हाईवे पर चार धाम परियोजना का कार्य प्रगति पर है अतः हमे कहीं कहीं "कष्ट के लिए खेद है" का सामना करना पड़ा । पर सही बताऊं तो उतना कष्ट हम प्रकृति प्रेमियों को हुआ नहीं। हमारे फोटो प्रेम जागृत होने और प्रकृति के सौन्दर्य में उत्तरेत्तर वृद्धि होते रहने की वजह से हमारी गाड़ी निर्बाध

एक सफ़र, हरि से हर की ओर।

एक सफ़र, हरि से हर की ओर। अकाल मृत्यु वो मरे जो कर्म करे चांडाल का, काल उसका क्या करे जो भक्त हो महाकाल का । कुछ ऐसा ही इस बार की यात्रा में हमारे साथ हुआ । पिछले एक सप्ताह से मुक्तिनाथ दर्शन की योजना दिमाग में घूम रही थी । मित्र मनीष जी इस बार हमारा साथ देने के लिए तैयार थे। भगवान शालिग्राम के दर्शन से संबंधित सारे योजना  दिमाग में तैयार हो रहे थे। बाइक की सर्विस भी करा ली हमने, पर जाने से 2 दिन पूर्व सदा की भांति मनीष भाई इस बार भी पत्निप्रेम की वजह से यात्रा निरस्त कर दिए। पर उन्होंने मेरे अंदर के घुमक्कड़ को अब फिर से जगा दिया था। बस क्या था अब जाना तो था ही मनीष भाई नहीं जाएंगे तो क्या हुआ हम अकेले ही निकल जाएंगे कहीं। पर अब कदम पीछे तो नहीं होंगे हमारे। जिस दिन निकलना था अर्थात 21सितम्बर2018 को सुबह में 5-6 दोस्तो को फोन कर के घूमने चलने के बारे में पूछा पर सब व्यस्त थे। खैर घुमा फिरा के बात बना के आकाश जी और मणि जी को तैयार कर लिया। पर ये लोग कार से जाने को तैयार हुए । कोई बात नहीं मैंने कार निकाल कर उन लोगो से 1घंटे में मिलने को बोल दिया। और निकल पड़े हरि से मिलने का विचा