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Showing posts from April, 2018

"यात्रा चित्रकूट धाम की"

एक कथा प्रसंग में सुना कि प्रभो श्रीरामचन्द्र जी ने अपने वनवास क़ाल के १४ वर्ष में से१२ वर्ष चित्रकूट में बिताए थे। चंचल मन चित्रकूट के बारे में भांति भांति के चित्र उकेरने लगा। कल दशहरा का दिन भी है ,मन श्रीराम के चरणों में लगा है। घुमक्कड़ जिज्ञासा जगने लगी सोचा की क्यों न चित्रकूट धाम की यात्रा की जाय।  बस फिर क्या था फोन में गूगल बाबा से जानकारी लेने लगे। रात होते होते यात्रा का विचार अपना साकार रूप लेने लगा। अब बस मित्रो को तैयार करना था, फोन उठाया और मणि जी से अपने विचार साझा किया मित्र अभिषेक तो सदैव तैयार रहते है। आकाश भाई थोड़े असमंजस में थे पर सुबह यात्रा पर निकलने का प्रोग्राम निश्चित हो गया । पूरी रात चित्रकूट धाम के बारे में सोचते सोचते बिताई सुबह हो गई । गाड़ी निकालकर थोड़ा साफ किया साथ ही सबको एक बार फोन करके सहजनवा में मिलने को कहा। पर सदैव की भांति आकाश जी अभी तक असमंजस में ही थे। फोन पर २-४ ---सुनाने के बाद वो तैयार हुए पर आते आते ११:०० बजा दिए। खैर यात्रा प्रारंभ हुआ ।...... सहजनवा से आगे बढ़े १४० किमी के बाद अपने आराध्य श्रीराम का पावन अयोध्या धाम था , ऐसे कैसे आ

यात्रा वृत्तांत श्री बैजनाथ धाम

कई दिनों से घुम्मकड़ कीड़ा दिमाग में घूम रहा था क्योंकि घूमने से बहुत सारे प्लान इस बीच समयाभाव के कारण कट चुके थे । घर पे निर्माण कार्य की वजह से मित्रो को मै पशुपति नाथ यात्रा के लिए मना कर चुका था। ३१मार्च की सुबह ७:०० बजे मोबाइल पर मणि जी का संदेश देखकर पता चला कि मेरी वजह से सारे मित्र अपनी पशुपति नाथ की यात्रा निरस्त कर दिए थे। मन दुखी हो गया । पिछली २ दिन की छुट्टी भी घर पे बीता दी थी आज कार्यालय भी जाना था और मन में बेहद अफसोस था कि मेरी वजह से सारे मित्र यात्रा निरस्त कर दिए थे। फोन उठाया और मणि जी को फोन लगाया और बिना कुछ सोचे कह दिया कि चलिए बाबा धाम (श्री बैजनाथ धाम) चला जाए उन्होंने कहा कि अब तो सारी छुट्टी खत्म हो गई अब कैसे, मैंने कहा कि कल रविवार है आज का मै देखता हूं १२:०० बजे तक आपसे मिलता हूं तैयार रहिए। समय तो वास्तव में कम था २अप्रैल को किसी भी हाल में सबको कार्यालय जाना पड़ेगा आज का आधा दिन गुजर चुका है, सफर गोरखपुर से देवघर गूगल बाबा से पूछने पर पता चला कि १२:०० घंटे कम से कम। ११:०० बजे अपने घर से निकला सहजनवा पहुंचते ही पता चला की मित्र अभिषेक अपनी कार लेकर एक ग