दक्षिण भारत के अंतिम छोर तक -४ यूं ही चला चल राही, यूं ही चला चल राही कितनी हसीन है ये दुनिया। भूल सारे झमेले, देख फूलों के मेले बड़ी रंगीन है ये दुनिया।। इसी तरह हम भी अपनी यायावरी को आगे बढ़ाते हुए अपने अगले पड़ाव महाबलीपुरम की ओर प्रस्थान कर गए। महाबलीपुरम जिसका एक नाम मामल्लपुरम भी है , है तो एक छोटी जगह पर अपने आप मे एक घुमक्कड़ के लिए सारी विषयवस्तु को समेटे हुए है। जैसे कि अगर आप फोटोग्राफी के लिए यात्रा करते है तो आप निराश नही होंगे। अगर आपको इतिहास में रुचि है तो महाबलीपुरम अपने आप मे एक इतिहास की पूरी किताब है। और अगर आप एडवेंचर के लिए यात्रा करते है तो आप यहाँ जरूर जाइये और एक बार प्लास्टिक के सोल वाले जूते पहन के कृष्णा बटर बॉल के पास जाकर तो दिखा दीजिये। और अगर आप मे अब भी एडवेंचर का शौक बचा है तो समुन्दर तो है ही आपकी रही सही कसर मिटाने के लिए। खैर हम ठहरे ऐसे घुमक्कड़ जिसे ये सब चाहिए था बस पहुच गए कांचीपुरम से महाबलीपुरम । रास्ते मे मुझे याद आया कि history tv18 पर एक सिरियल OMG!YEH MERA INDIA में मैंने एक बार कृष्णा बटर बॉल के बारे में देखा था और यह महाबलीपुरम म