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Showing posts from August, 2018

दक्षिण भारत के अंतिम छोर तक -४

दक्षिण भारत के अंतिम छोर तक -४ यूं ही चला चल राही, यूं ही चला चल राही कितनी हसीन है ये दुनिया। भूल सारे झमेले, देख फूलों के मेले बड़ी रंगीन है ये दुनिया।। इसी तरह हम भी अपनी यायावरी को आगे बढ़ाते हुए अपने अगले पड़ाव महाबलीपुरम की ओर प्रस्थान कर गए। महाबलीपुरम जिसका एक नाम मामल्लपुरम भी है , है तो एक छोटी जगह पर अपने आप मे एक घुमक्कड़ के लिए सारी विषयवस्तु को समेटे हुए है। जैसे कि अगर आप फोटोग्राफी के लिए यात्रा करते है तो आप निराश नही होंगे। अगर आपको इतिहास में रुचि है तो महाबलीपुरम अपने आप मे एक इतिहास की पूरी किताब है। और अगर आप एडवेंचर के लिए यात्रा करते है तो आप यहाँ जरूर जाइये और एक बार प्लास्टिक के सोल वाले जूते पहन के कृष्णा बटर बॉल के पास जाकर तो दिखा दीजिये। और अगर आप मे अब भी एडवेंचर का शौक बचा है तो समुन्दर तो है ही आपकी रही सही कसर मिटाने के लिए। खैर हम ठहरे ऐसे घुमक्कड़ जिसे ये सब चाहिए था बस पहुच गए कांचीपुरम से महाबलीपुरम । रास्ते मे मुझे याद आया कि history tv18 पर एक सिरियल OMG!YEH MERA INDIA में मैंने एक बार कृष्णा बटर बॉल के बारे में देखा था और यह महाबलीपुरम म

दक्षिण भारत के अंतिम छोर तक-3

दक्षिण भारत के अंतिम छोर तक-3 जीवन में यात्रा करना एक अलग ही सुंदर अनुभव होता है। यात्रा करने से हर किसी व्यक्ति को देश-दुनिया के विषय में बहुत कुछ सीखने को मिलता है। इससे व्यक्ति एक सीमा के अंदर बंधे रहने से मुक्त होता और जीवन में नई चीजों के बारे में जानता है। मेरा जन्म ब्राह्मण कुल में हुआ है इस कारण बचपन में अक्सर इस श्लोक को कही न कही हम सुन ही लेते थे। 'अयोध्या-मथुरामायाकाशीकांचीत्वन्तिका, पुरी द्वारावतीचैव सप्तैते मोक्षदायिकाः।' और आज हमारी यात्रा का अगला पड़ाव कांचीपुरम ही था। "काँचीपुरम सम्भवतः तमिलनाडु का सबसे पुराना शहर है जिसने अपने पुराने आकर्षण को बरकरार रखा है"। ऐसा गूगल पर पढ़ने के बाद से ही हमारी कांचीपुरम देखने की जिज्ञासा अपने चरम स्तर पर पहुच गयी। हम भी तिरुपति बालाजी के दर्शन के पश्चात निकल लिए अपनी कार में सवार होकर। हालांकि हमने सुबह मिर्ची वाला इडली बड़ा ही खाया था इस वजह से हमारी भूख बढ़ती जा रही थी पर हम मिर्ची के डर से आंध्र प्रदेश को जल्दी पार करके तमिलनाडु में पहुचना चाहते थे। रात के 8:00 बज चुके थे अतः हमने एक ढाबा देखकर खाना खाने की इच्

*दक्षिण भारत के अंतिम छोर तक। -2*

*दक्षिण भारत के अंतिम छोर तक। -2* दिन ने हाथ थाम कर इधर बिठा लिया रात ने इशारे से उधर बुला लिया सुबह से शाम से मेरा दोस्ताना मुसाफिर हूँ यारों... बैंगलोर के बाद हमारी यात्रा का प्रथम पड़ाव था श्री तिरुपति बाला जी का दर्शन जिसके लिए मामा जी ने पहले ही स्पेशल दर्शन के टिकट ऑनलाइन बुक करा लिए थे। सुबह 4बजे यात्रा आरम्भ करने का शुभ मुहूर्त बना । अब हम तीनों लोग कार में सवार होकर निकल पड़े तिरुपति बाला जी की ओर.. अभी तक मुझे लग रहा था कि तिरुपति बालाजी बजरंगबली के अवतार है और यहाँ बजरंगबली की पूजा अर्चना की जाती होगी। खैर मेरा यह मिथक मामा जी ने दूर किया और रही सही कसर गूगल बाबा ने दूर कर दीया । हमारी गाड़ी अब कर्नाटक राज्य छोड़कर आंध्र प्रदेश में प्रवेश कर चुकी थी । रास्ते मे आम के ठेले लगे हुए दिख रहे थे एक जगह गाड़ी रोककर हमने दक्षिण भारतीय आम के स्वाद लेने का विचार किया। यहाँ के आम हमारे यहाँ के आम से बहुत अलग थे और इस आम को इन लोगो ने बड़े ही बेहतर तरीके से काट कर सजाया था जिसे देखते ही मुँह में पानी आ रहा था । एक अम्मा जी के ठेले पर जाके हमने आम खाने की इच्छा जाहिर की। अम्मा जो सिर्फ

दक्षिण भारत के अंतिम छोर तक

*दक्षिण भारत के अंतिम छोर तक।* एक राह रुक गयी तो और जुड गयी मैं मुड़ा तो साथ-साथ राह मुड़ गयी हवा के परों पर मेरा आशियाना मुसाफिर हूँ यारों... हुआ कुछ ऐसा ही घुमक्कड़ी मन पिछले 15 दिनों से इसी फिराक में था कि कही से बुलावा आये और एक बहाना मिले और हम निकल पड़े अपनी एक और यात्रा पर। खैर अभी 30 मई को सपरिवार नेपाल की यात्रा कर के आये थे तो इस बार श्रीमती जी का भय नही था क्योंकि उनका कोटा पूरा हो गया था। बस अब जगह की तलाश कर निकल पड़ना था। गूगल बाबा का सहारा लेकर काफी खोजबीन के बाद दक्षिण भारत की यात्रा का विचार बनाया। यात्रा का शुभआरंभ बैंगलोर से करते हुए कन्याकुमारी तक और वापसी में हैदराबाद होते हुए श्रीशैलम तक। कई दिनों से मामा जी भी बैंगलोर आने का निमंत्रण दे रहे थे। इसलिए इस बार उन्हें ही फ़ोन लगाया और बोल दिया कि आप भी छुट्टी ले लो हम पूरे 10-12 दिन के लिए आ रहे है और हमारा  पूरा दक्षिण भारत देखने का विचार है। इधर मित्र मणि जी को भी तैयार किया और बैंगलोर की हवाई यात्रा की तिथि 18 जून निश्चित हो गया। चुकी हमारी फ्लाइट सुबह 6 बजे ही थी अतः हमने 17 की रात में ही घर से निकलने का प्